वक्त और इंसान कब बदल जाए,
पता ही नहीं चलता।
जो वक्त के साथ नहीं बदलता,
वक्त उसे बदल देता है।
वक्त दिखाई नहीं देता है,
पर बहुत कुछ दिखा जाता है।
डर नहीं लगता मुझे इस रात के अंधेरे से,
ये तो वक़्त की पाबंद है,
ढल ही जाएगी।
कभी-कभी समय आने में इतना समय लग जाता है,
की इंतजार करने वाले के पास और समय नहीं बचता।
वक़्त रहते सिख लो अपनी कदर करना
वरना दुनिया तुम्हे सताकर बेकदर कर देगी।
कुछ इस तरह से सौदा किया मुझसे मेरे वक़्त ने,
तजुर्बे देकर वो मुझ से मेरी नादानियां ले गया।
कितना भी पकड़ो फिसलता जरूर है,
यह वक्त है साहब बदलता जरूर है।
वक्त की चिंता कुछ चुनिंदा लोग ही करते हैं,
निंदा करने वाले वक्त की कीमत नहीं जानते।
हर सूरज वक्त के साथ ढल गए,
वो भी बड़े करीब थे वो भी बदल गए।
वक्त रहते अगर बात हो जाती है,
तो बात ज्यादा नहीं बिगड़ती।
ये वक़्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से ज़ख्म को नासूर कर देता है।
ना उसे होश है मेरी ना कोई खबर है,
एक दिन वक्त बताएगा तुझे मेरी क्या कदर है।
वक्त अपने हिसाब से बदलता है।
मालूम नही था कि ऐसा भी एक वक्त आएगा,
इन बेवक्त मौसमों की तरह
मेरा प्यार भी पल भर में बदल जाएगा।
वक्त की यारी तो हर कोई कर लेता है,
मजा तो तब है जब,
वक्त बदले और यार न बदले।
वक्त सबको मिलता हैं,
जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए।
तुझे वक्त के साथ चलना पड़ेगा,
जो बदलेगा रूट तो बदलना पड़ेगा।
वक़्त रेहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इसकी भी आदमी सी है।
तुझे चाहने वाले कम न होंगे,
वक्त के साथ शायद हम न होंगे,
लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे।
वक्त रहते प्यार को समय देना सिखो,
वरना पछताओगे जब खामोशी के सिवा कुछ हाथ नहीं आएगा।
दिल खोल कर हंसना तो मैं भी चाहता था,
जिम्मेदारियों के बीच कभी वक़्त ही नही मिला।
कौन चाहता है अपनों से दूर रेहना,
पर वक़्त सबको मजबूर कर देता है।
वक्त अपनी अहमियत सबको सीखा देता है।
अपनों की बातें सुनता हूँ,
अपनी बुराई सुनता हूँ,
और सब वक्त पर छोड़ देता हूँ।
वक्त का लिहाज करना सीखो,
वरना वक्त तुम्हारा लिहाज नहीं करेगा।
वक्त का खास होना जरूरी नही,
खास लोगो के लिए वक्त होना जरूरी है।
कितने अजीब हैं दुनिया के लोग,
अपनों को घड़ी गिफ्ट करते हैं
और वक्त देना भूल जाते हैं।
वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती,
जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है।
कभी वक्त मिला तो जुल्फें तेरी सुलझा दूंगा,
आज उलझा हूं जरा वक्त को सुलझाने में।
कभी-कभी बहुत सारी बातें करनी होती हैं,
लेकिन उन बातों को सुनने वाले के पास वक्त नहीं होता।
वक्त जैसा भी हो बीतता जरुर है,
आदमी अगर ठान ले तो,
वक्त से भी जीत सकता है।
अगर आज आप वक्त को अहमियत देते है तो,
कल वक्त आपकी अहमियत सबको बता देगा।
वो वक़्त भी बहुत खास होता है,
जब सर पर माता पिता का हाथ होता है।
वक़्त की क़द्र हम तब तक नहीं करते,
जब तक वक़्त हमें पीछे न छोड़ दे।
तू बस वक्त से दोस्ती कर,
बाकी सब तुमसे दोस्ती करेंगे।
औरों की मर्जी से कभी जिया नहीं करते,
हम वक्त पर अफसोस किया नहीं करते।
वक़्त के पीछे चलना भी बुरा नहीं है जनाब,
क्यों की किस्मत बदलते देर नहीं लगती।
समय सब के पास हैं लेकिन हमेशा के लिए नहीं,
जो चाहे कर लो आज में ही कल का भरोसा नहीं।
बुरा वक्त तो सबका आता हैं,
कोई बिखर जाता हैं कोई निखर जाता है।
बुरे वक्त में जो साथ दे वही होते हैं अपने,
यू बीच राहों में जो साथ छोड़ दे वो नहीं होते हैं अपने।
किसी के सपने किसी का प्यार पूरा न हो,
इंसान का वक़्त इतना भी बुरा न हो।
दर्द आंखों से अब बयां नहीं हो पाते,
मामला जो अब दिल से संभाल लिया है।
ए वक्त जरा संभल के चल कुछ बुरे,
लोगो का कहना है कि तू सबसे बुरा है।
वक्त मिले तो पढ़ लेना खामोशी भी हमारी,
तुमसे बिछड़ने के बाद हम जिंदगी से बिछड़ने की दुआ कर रहे हैं।
हम तो उन्हें बुरे ही लगेंगे,
उनकी जिंदगी में अब नए-नए लोग जो आ गए हैं।
कुछ पल का बुरा समय जिंदगी भर याद रह जाता हैं,
चाहे कितनी भी खुशिया आ जाये,
बुरा पल हमेशा याद रहता हैं।
वक़्त पे जो इंसान काम आता हैं,
उसका चेहरा तो भुलाये से भी भुला नहीं जाता हैं।
शाम का वक्त हो और शराब ना हो,
इंसान का वक्त इतना भी खराब ना हो।
इस दुनिया में अच्छे सभी होते हैं,
बस पहचान बुरे वक्त में होती है।
वक्त बुरा था, मुझे लगा हौसला बढ़ाओगे,
पर तुमने तो फासले बढ़ा लिए।
वक्त वो है, अगर आप उसके साथ हो तो वो आपके साथ है।
जब आपका वक्त बदल जाए तो
बुरे वक्त को भी याद कर लेना।
वक़्त वक़्त की बात है जनाब,
आज तेरा है तो कल मेरा होगा।
अपनों की पहचान मुश्किल वक्त कराएगा,
कौन अपना है कौन पराया ये वक्त बताएगा।
अच्छी खासी जिंदगी चल रही थी बेफिक्री में,
फिर वक्त ने साजिश की और एहसासों की बारिश की।
कुछ इस कदर खोये हैं तेरे ख्यालों में,
कोई वक्त भी पूछता है तो तेरा नाम बता देते हैं।
ऐ वक्त, थोड़ा सा ठहर तो जाओ,
महबूब को मेरे तुम देखते तो जाओ।
वक्त का खास होना जरूरी नहीं,
खास लोगो के लिए वक्त होना जरूरी है।
ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जाएगा,
वक़्त के साथ ज़माना भी बदल जाएगा।
वक्त रहते प्यार को समय देना सीखो,
वरना पछताओगे जब खामोशी के सिवा कुछ हाथ नहीं आएगा।
वक़्त वक़्त का खेल है जो कल तक,
आप आप करते थे आज तू तू करते हैं।
उम्र की राह में रास्ते बदलते हैं,
वक़्त की आंधी में इंसान बदलते हैं,
सोचते हैं तुम्हें इतना याद ना करें लेकिन,
आँख बंद करते ही इरादे बदलते हैं।
एहसान तुम्हारे एकमुश्त किश्तों में चुकाए हैं हमनें,
कुछ वक्त लगा पर अश्कों के सूद चुकाए हैं हमनें।
बुरा वक्त तो बदल ही जाएगा,
मगर बदले हुए लोग याद रहेंगे।
हम अपने वक़्त की मुहर ख़ुद बनाते हैं,
उसे अपनी अदा और अपनी अक़्ल से सवारते हैं।
कौन अपना कौन पराया,
बुरे वक्त ने सब बताया।
वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती,
जितनी अपनों के बदल जाने से होती है।
बदला हुआ वक़्त है,
ज़ालिम ज़माना है,
यहां मतलबी रिश्ते है,
फिर भी निभाना है।
मुझे तो तोहफों में अपनों का वक्त पसंद है,
पर आजकल इतने महंगे तोफे देता कौन है।
ज़िन्दगी चल रही है बस,
क्या हो रहा है,
क्या होगा कुछ पता नहीं।
इस दर्दे दिल को लफ़्ज़ों का सहारा मिल गया,
और वक़्त ने हमें शायरी करना भी सीखा दिया।
बदलता वक़्त देखा है मैंने,
अपने ही हमदर्द को अपना दर्द बनते देखा है मैंने।
वक़्त तो वार करता है,
अपने भी वार करते हैं,
पर दर्द तब ज्यादा होता है,
जब दोनों इकट्ठे वार करते हैं।
वक्त की रफ़्तार रुक गयी होती,
शर्म से आँखें झुक गयी होती,
अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का,
तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती।
जब किसी दर्द की तुम्हे कोई दवा ना मिले,
तो समझ लेना इसका इलाज अब वक़्त ही करेगा।
वक्त बीत गया अपने छूट गए,
उम्र बढ़ती गई रिश्ते टूट गए।
जब हम रिश्तों के लिए वक्त नहीं निकाल पाते,
तो वक्त हमारे दरमियान से रिश्ते निकाल देता है।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते।
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो,
हौसले मुश्किलों में पलते हैं।
वक्त चाहे कितना भी मुश्किल हो उससे तकलीफ नहीं होती है,
जितनी तकलीफ किसी अपने के बदल जाने से होती है।
जो इंसान मुश्किल वक्त में भी खेलते हैं जज्बातों से,
बहुत दर्द होता है ऐसे इंसानों की बातों से।
ज़िन्दगी की लड़ी, वक़्त की लहरों में,
हर पल है मुश्किल,
बस इसी को जीत के दिखाते हैं।
हर लम्हा एक कहानी है,
सुनने वाला चाहिए,
वक्त का तराज़ू बस सम्हालने वाला चाहिए..!
वक्त ने सिखाया है जनाब मुझे खामोश रहना
और अपने ही धुन में जिंदगी जीना..!
आज तेरा वक्त है इसलिए तू बोल ले,
कल मेरा वक्त होगा फिर हिसाब करेंगे..!
अपनों ने दिखाए हैं जिंदगी में आईने जनाब,
वरना वक्त तो मेरा भी अच्छा होता..!
समय बदला और बदली कहानी है,
संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं!
वक्त के साथ हम भी बदल जाते हैं,
लेकिन दिल की जो बात होती है वो नहीं बदलती..!
वक्त जब हमारे पास था हम उसे न समझ पाए,
अब जब वक्त चला गया तो हम उसे याद करने लगे..!
वक्त की धारा में बहकर कुछ खो गए थे हम,
लेकिन अब समझ आया कुछ भी स्थिर नहीं रहता..!
वक्त की इस चाल में सब कुछ बदल जाता है,
हर पल की कीमत को बस दिल समझ पाता है..!
ऐ खुदा, जिंदगी जीने का मज़ा और उम्मीद रखने की सज़ा
वक्त हर इंसान को देता है..!
वक्त के खेल बड़े ही निराले हैं,
कभी खुशी तो कभी ग़म के बादल काले हैं..!
ज़िंदगी का बादशाह वक्त होता है,
यही इंसान का अच्छा और बुरा वक्त तय करता है..!
वक्त की मार बड़ी ही असरदार होती है,
इसे बर्बाद करने वाले की जिंदगी खराब होती है..!
यह वक्त ही है जो हमें हँसना और रुलाना सिखाता है,
लेकिन जिंदगी जीना भी यही बताता है..!
वक्त ने ना जाने क्यों जिंदगी में ज़ख्म दिए हैं,
जिन्हें समझते थे हम अपना उन्होने ही हमें ग़म दिए हैं..!
मालूम नहीं था कि ऐसा भी एक वक्त आएगा,
इन बेवक्त मौसमों की तरह मेरा प्यार भी पलभर में बदल जाएगा..!
एक अच्छे वक्त का ही तो हर किसी को इंतजार रहता है,
पर ये वक्त है कि हर वक्त बदलता ही रहता है..!
वक्त की कदर करना सीख लो यारों,
नहीं तो वक्त तुम्हें अपने खेल से बाहर कर देगा..!
ऐ वक्त, ले चल हमें उसी बचपन में,
जहां ना कोई ज़रूरी था और ना किसी चीज़ की ज़रूरत..!
वक्त एक ऐसा गुरु है जो इंसान को ज़िंदगी की सही कीमत बताता है..!
ये बदलता वक्त और बदलते लोग,
ज़िंदगी में बहुत कुछ सिखा देते हैं..!
समय कभी नहीं रुकता है लेकिन जाते हुए हमें बड़ी सीख दे जाता है..!
वक्त को बुरा मत कहिए जनाब,
यही तो सबकी असलियत दिखाता है..!
वक्त के झांसे में कभी मत आना,
ये मुझसे भी यही कहता था मैं तेरा हूं..!
वक्त के सितम से रिश्ते टूट गए,
जिन्हें समझते थे अपना वही हमें छोड़कर दूर हो गए..!
वक्त से भी जल्दी बदल गए हो तुम,
तो मेरे आने का इंतज़ार क्यों करते हो तुम..!
ऐ वक्त ज़रा संभल के चल, कुछ बुरे लोगों का कहना है कि तू सबसे बुरा है..!
जो तेरा है वो तुझ तक ज़रूर आएगा,
खुदा तुझ तक उसको खुद पहुंचाएगा..!
वक्त इंसान का हर क़दम पर इम्तिहान लेता है,
वक्त ही इंसान को सही राह दिखाता है..!
तुझे वक्त के साथ चलना पड़ेगा,
जो बदलेगा रूट तो बदलना पड़ेगा..!
तेरे इश्क की महफ़िल सजी है तेरे आंगन में,
अब तुझे नहीं वक्त मेरे लिए मेरे ही बाहों में..!
वक्त क्या है, महज़ फ़ासला है दोनो के बीच,
एक मुअम्मा है ज़िंदगी का जो समझ से परे है..!
मुझको मामूली पत्थर समझ छोड़कर जाने वाले,
वक्त बदलेगा और हम भी संगमरमर हो जाएंगे..!
बड़ा मासूम सा है यार मेरा,
कहां कुछ मांगता है,
दीदार को मेरे हर वक्त बस थोड़ा मेरा वक्त मांगता है..!
लाज़िमी है कि तुम मुझे अभी बहुत याद आ रहे हो,
लेकिन वक्त तुम्हारे पास नहीं,
तो मेरे पास भी नहीं है..!
कोशिश हज़ार कि इसे रोक लूं मगर,
ठहरी हुई घड़ी में भी ठहरा नहीं है वक्त!
ज़रा मुस्कुरा के देखो,
दुनिया हँसती नज़र आएगी!
बादशाह तो वक्त होता है,
इंसान तो यूँ ही गुरुर करता है!
जिन्हें वाकई बात करना आता है,
वह अक्सर खामोश रहते हैं!
उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से ज़िंदगी,
जहां सारा शहर अपना था और तुम अजनबी थे!
इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक्त का फ़साना है,
और वक्त की तो फ़ितरत ही बदल जाना है!
मेरे और तुम्हारे दरमियां हुनर का अंतर है,
क्योंकि हमको सिखाया है वक्त ने और आपको किताब ने!
हाथ छूटे तो भी रिश्ते नहीं टूटा करते,
समय की शाख से लम्हे नहीं टूटा करते!
रिश्ते उन्हीं से बनाओ जो निभाने की हिम्मत रखते हों!
आंखों की नमी बढ़ गई,
बातों के सिलसिले कम हो गए जनाब,
ये वक्त बुरा नहीं है,
बुरे तो हम हो गए!
समेट लो इन नाज़ुक पलों को,
ना जाने यह कल हो ना हो!
वो वक्त सी थी जो गुजर गई,
और मैं यादों सा था जो ठहर गया!
वक्त तो होता ही है बदलने के लिए,
ठहरते तो बस लम्हे हैं!
वक्त तो वार करता है,
अपने भी वार करते हैं,
पर दर्द तब ज़्यादा होता है जब दोनों इकट्ठे वार करते हैं!
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी हुई होगी मुझसे,
इतना वक्त दिल तोड़ने के लिए कौन बर्बाद करता है!
मैं जिसके साथ होकर वक्त को भूल जाती थी,
आज वो वक्त के साथ मुझे भूल गए हैं!
सुनो कभी तोहफे में घड़ी दी थी तुमने,
अब जब भी देखती हूं तो यही ख्याल आता है,
काश तुम थोड़ा वक्त भी देते!
वक्त ने सबके हिस्से में दुख बांटे हैं,
इसलिए घड़ी में फूल नहीं कांटे हैं!
वक्त सबको मिलता है ज़िंदगी बदलने के लिए,
पर ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए!